हाल ही में अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो नकली पहचान और फर्जी एनसीबी (नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) अधिकारी बनकर एक व्यक्ति से ₹10,00,000 की धोखाधड़ी करने के आरोप में पकड़े गए हैं। यह गिरोह मुंबई से ईरान भेजे गए एक पार्सल में ड्रग्स होने का दावा कर लोगों को ब्लैकमेल करता था।
घटना की विस्तृत जानकारी:
घटना की शुरुआत:
मुंबई से ईरान भेजे गए फेडेक्स कूरियर में ड्रग्स होने की सूचना दी गई। आरोपियों ने खुद को एनसीबी अधिकारी बताया और शिकायतकर्ता को स्काइप ऐप्लिकेशन डाउनलोड करवाया।
धोखाधड़ी का तरीका:
आरोपियों ने शिकायतकर्ता के बैंक खाते से ₹10,00,000 की प्री-अप्रूव्ड लोन मंजूर करवाई और उसमें से ₹9,76,400 की राशि धोखाधड़ी से निकाल ली।
आरोपियों की गिरफ्तारी:
आरोपियों की पहचान:
1. इंद्रजीत स/ओ नेमीचंद पवार, उम्र 37 वर्ष, व्यवसाय - व्यापारी, निवासी - बीकानेर, राजस्थान
2. राहुल स/ओ भगवानराम गहलोत, उम्र 28 वर्ष, व्यवसाय - नौकरी, निवासी - बीकानेर, राजस्थान
3. कैलाश स/ओ रामप्रताप कुकणा, उम्र 23 वर्ष, व्यवसाय - नौकरी, निवासी - बीकानेर, राजस्थान
आरोपियों की अपराध शैली:
मुख्य आरोपी इंद्रजीत:
इंद्रजीत ने बीकानेर में लोगों को कमीशन का लालच देकर उनके बैंक खाते खरीदे और उनकी चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड और सिमकार्ड इकट्ठा किए। इसके बाद, वह इन खातों की जानकारी राहुल को भेजता था, जो कि Binance ऐप के माध्यम से चीनी व्यक्तियों, जैक और बर्ट, को आगे भेजता था।
धोखाधड़ी का विवरण:
ये व्यक्ति लोगों को ड्रग्स के मामले में फंसाने और शेयर बाजार में लाभ का लालच देकर उनसे पैसे निकालते थे। यह पैसा इंद्रजीत के द्वारा खरीदे गए खातों में ट्रांसफर किया जाता था और कैलाश उन खातों से चेक के माध्यम से पैसे निकालता था।
जब्त सामग्री:
हरियाणा फरीदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपियों के पास से JIO कंपनी के 95 सिमकार्ड, 65 बैंक की चेकबुक, 61 एटीएम कार्ड और ₹9,50,000 नगद बरामद किए हैं।
आरोपियों पर दर्ज मामले:
1. साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन अहमदाबाद शहर: IPC की धारा 388, 406, 419, 420, 120(B) और आईटी एक्ट की धारा 66(C), 66(D) के तहत
2. साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन फरीदाबाद हरियाणा: IPC की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120(B), 201, 204 के तहत
3. पुलिस स्टेशन स्पेशल सेल, दिल्ली: IPC की धारा 420, 120(B), 34 के तहत
यह घटना साइबर क्राइम की बढ़ती समस्या और इसकी जटिलताओं को उजागर करती है। साइबर क्राइम पुलिस की सतर्कता और तकनीकी कौशल की बदौलत इन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा।