फिशिंग लिंक: ऑनलाइन शॉपिंग में नया खतरा

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ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान फिशिंग लिंक से कैसे बचें: आवश्यक सावधानियां और सुझाव



1.फिशिंग लिंक का खतराः

ऑनलाइन शॉपिंग करते समय अक्सर ग्राहकों को उनके ऑर्डर की स्थिति के बारे में अपडेट करने के लिए ट्रैकिंग लिंक भेजे जाते हैं। लेकिन हैकर्स इन लिंक का फायदा उठाकर नकली लिंक (फिशिंग लिंक) भेजते हैं, जिन पर क्लिक करते ही बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।

2. डाटा चोरी की शुरुआत:

साइबर ठग ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों का डेटा एकत्रित करते हैं और उनके ऑर्डर करने के कुछ ही घंटों के भीतर फिशिंग लिंक भेज देते हैं। यह लिंक देखने में असली कंपनी के लिंक जैसा ही लगता है, जिससे ग्राहक धोखे में आ जाते हैं।

3.सावधानी बरतें:



  • लिंक की जांच करें:

किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें। URL और डोमेन नेम को ध्यान से देखें और सुनिश्चित करें कि वह असली कंपनी से मेल खाता है या नहीं।

  • ऑर्डर समय पर ध्यान दें:

ध्यान रखें कि ऑर्डर करने के कितने घंटे बाद आपके पास लिंक पहुंचा है। यदि यह सामान्य समय से पहले आया है, तो सतर्क रहें।

  • संदेश की सत्यता जांचें:

कंपनी से आने वाले संदेशों को ध्यान से पढ़ें। अगर किसी संदेश में वेयरहाउस का पता अपडेट करने या अन्य जानकारी अपडेट करने का अनुरोध हो, तो उसकी सत्यता की जांच करें।


4.फर्जी वेबसाइट्स का खतरा:

साइबर ठगों द्वारा कई बार ब्रांडेड कंपनियों की नकली वेबसाइट बनाई जाती हैं, जिन पर ग्राहक अपनी निजी जानकारी साझा कर देते हैं। इन वेबसाइट्स के माध्यम से भी ठगी की जाती है।

5.रिपोर्ट का खुलासाः

साइबर पीस फाउंडेशन की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर ठग लोगों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखते हैं और फेक लिंक भेजकर उन्हें फंसाते हैं। ग्राहक, इन लिंक पर क्लिक कर अपनी जानकारी साझा करते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।
             ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान फिशिंग लिंक के खतरे से बचने के लिए जागरूकता और सावधानी जरूरी है। किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें और किसी भी संदिग्ध लिंक से दूरी बनाएं रखें। इस तरह की ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सतर्क रहना और किसी भी संदेश या लिंक पर बिना सोचे-समझे क्लिक न करना।

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