अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने बुजुर्ग पीड़ित के १.२६ करोड ठगने वाले अपराधियों और बैंक खाताधारकों को किया गिरफ्तार
दिनांक 7 अक्टूबर 2024 को अहमदाबाद शहर के एक निवासी ने एक बड़े ठगी गिरोह की शिकायत दर्ज कराई, जिसमें अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी और यहां तक कि भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पेश किया और बुजुर्ग पीड़ित को धोखा दिया। इन ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ित से संपर्क किया और दावा किया कि उनके खाते में 2 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, जिससे उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है।
ठगों ने पीड़ित को गिरफ्तारी और पांच साल की जेल की सजा की धमकी दी। पीड़ित की उम्र और अकेलेपन का फायदा उठाते हुए, ठगों ने उन्हें आश्वासन दिया कि यदि वह लिखित रूप से जांच को प्राथमिकता देंगे, तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, वीडियो कॉल के माध्यम से उनके घर पर ही जांच की जाएगी। ठगों ने पीड़ित के बैंक खाते की जानकारी और एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) की जानकारी हासिल कर ली।
उन्होंने पीड़ित को डराकर और भ्रमित करके उनके एफडी तोड़वा दिए और कहा कि यह धनराशि सत्यापन के लिए इस्तेमाल की जाएगी और 48 घंटे के भीतर वापस कर दी जाएगी। इस तरह, अलग-अलग तारीखों में कुल 1.26 करोड़ रुपये की राशि ठगों ने पीड़ित से हड़प ली। ठगों ने भारत के सुप्रीम कोर्ट के नकली सर्टिफिकेट भेजकर और खुद को सीबीआई अधिकारी के रूप में पेश करके पीड़ित का विश्वास जीता और लगातार दबाव बढ़ाते रहे।
शिकायत मिलने के बाद अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की। तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया जानकारी के आधार पर जांच से यह पता चला कि पीड़ित के खाते से निकाली गई राशि कई अलग-अलग बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी। इसके बाद इन खाताधारकों ने चेक द्वारा यह पैसा नकद में निकाल लिया और ठगों को सौंप दिया।
गिरफ्तार किए गए मुख्य अपराधी जिन्होंने अपने बैंक खातों का उपयोग इस ठगी के लिए किया:
1. मोहम्मद हुसैन जावेद अली पटावत
2. तरुण सिंह श्यामभाई वाघेला
3. बृजेश भरतभाई पारेख
4. शुभम राजकुमार हाकर
आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच इस मामले से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है। यह ऑपरेशन तेजी से बढ़ते साइबर अपराध को उजागर करता है, जिसमें विशेष रूप से बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, और धोखाधड़ी के लिए अत्याधुनिक तरीकों का उपयोग किया जा रहा है।
जनता से अपील की जाती है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या वित्तीय जानकारी की मांग का तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित करें।