आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधों का खतरा बढ़ता जा रहा है। फर्जी लिंक के जरिए अपराधी आपके निजी डेटा और बैंक अकाउंट की जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। एक छोटी सी गलती आपके बैंक खाते को खाली कर सकती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप फर्जी लिंक को आसानी से पहचान सकते हैं और Google Transparency Report टूल की मदद से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
1. स्पेलिंग चेक करें
- क्यों जरूरी है?साइबर अपराधी असली वेबसाइट की हूबहू नकल बनाकर आपको भ्रमित करते हैं।
- कैसे पहचानें?
- लिंक का स्पेलिंग ध्यान से पढ़ें।
- अगर किसी लिंक में असामान्य स्पेलिंग है, जैसे "bànk" या "paytm-secure-login.com," तो यह फर्जी लिंक हो सकती है।
- इस तरह के बदलाव रेड फ्लैग होते हैं।
2. लिंक में नंबर का ध्यान रखें
- क्या खतरा है?कई बार फर्जी लिंक में केवल नंबर (IP एड्रेस) होता है, जैसे:
Ex. http://1x9.5x4.9.1x9
- सावधान रहें:
- ऐसी लिंक पर कभी क्लिक न करें।
- नंबर वाली लिंक से डोमेन का असली मालिक नहीं पता चलता।
- असली वेबसाइट आमतौर पर नंबर के बजाय नाम का इस्तेमाल करती हैं, जैसे
www.bankname.com
।
3. Google Transparency Report का उपयोग करें
- यह क्या है?Google का एक फ्री टूल जो किसी भी लिंक की सुरक्षा की जांच करता है।
- कैसे इस्तेमाल करें?
- फर्जी लिंक को कॉपी करें।
- Google Transparency Report पेज पर जाएं।
- लिंक को पेस्ट करें और उसकी सुरक्षा स्थिति जांचें।
- यह टूल बताएगा कि लिंक सुरक्षित है या नहीं।
- Google Transparency Report पेज: https://transparencyreport.google.com/safe-browsing/search
सावधानियां अपनाएं और साइबर फ्रॉड से बचें
- किसी भी लिंक पर बिना जांचे-परखे क्लिक न करें।
- फर्जी ऑफर या इनाम वाली लिंक को नजरअंदाज करें।
- हमेशा वेबसाइट के URL को ध्यान से चेक करें।
- अपने डिवाइस में एंटीवायरस और सुरक्षा सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें।
साइबर अपराध से बचने का सबसे आसान तरीका सतर्क रहना है। Google Transparency Report जैसे टूल आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन असली ताकत आपकी जागरूकता है। सही जानकारी और सावधानी से आप साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बच सकते हैं।