Russian ठग ने चीनी गिरोह के साथ मिलकर सीनियर सिटीजन से 17 लाख की ठगी की और अहमदाबाद सायबर पुलिस ने पुणे जेल से लाया डिजिटल अरेस्ट का आरोपी

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Russian ठग ने चीनी गिरोह के साथ मिलकर सीनियर सिटीजन से 17 लाख की ठगी की और अहमदाबाद सायबर पुलिस ने पुणे जेल से लाया 'डिजिटल अरेस्ट' का आरोपी 

साइबर अपराध के मामलों में अंतरराष्ट्रीय गिरोहों का जाल लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में अहमदाबाद पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने एक 30 वर्षीय रूसी नागरिक, एनाटोली मिरोनोव, को गिरफ्तार किया है। उस पर एक सीनियर सिटीजन से 17 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है।

ठगी का तरीका

मिरोनोव और उसके साथी पीड़ित को कस्टम अधिकारी और पुलिस अधिकारी बनकर धमकाते थे। उन्होंने पीड़ित को कहा कि उनके नाम पर एक पार्सल मिला है जिसमें गैरकानूनी सामान है। इस बहाने उन्होंने पीड़ित से 17 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए।

गिरफ्तारी की प्रक्रिया

मिरोनोव पहले से ही पुणे की जेल में एक अन्य साइबर फ्रॉड मामले में बंद था। अहमदाबाद पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट के जरिए उसे पुणे से हिरासत में लिया और अहमदाबाद लेकर आई।

गिरोह की संरचना

यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय है। मिरोनोव 'गेटकीपर' की भूमिका निभाता था, जिसका काम अवैध रूप से हासिल की गई रकम को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करना और उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलना था।

ठगी के अन्य मामले

मिरोनोव 2015 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था और 2024 में इस गिरोह का हिस्सा बन गया। इसके अलावा, वह पुणे में 71 लाख रुपये की ठगी के मामले में भी शामिल था। उसने स्टॉक मार्केट निवेश के झूठे वादे के जरिए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को धोखा दिया।

सावधानी बरतने की सलाह

  1. अनजान कॉल या ईमेल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
  2. बैंक और कस्टम विभाग जैसी सरकारी एजेंसियां फोन पर पैसे मांगने का काम नहीं करतीं।
  3. यदि किसी संदिग्ध गतिविधि का सामना हो, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें।

साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में डिजिटल लेन-देन करते समय सावधानी बरतना और सतर्क रहना बेहद जरूरी है। इस केस से यह साफ है कि पुलिस साइबर अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।

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