राजस्थान की गैंग द्वारा आधार कार्ड एड्रेस बदलकर चीनी गैंग को बैंक खाते उपलब्ध कराने का पर्दाफाश अहमदाबाद साइबर क्राइम द्वारा 11 आरोपियों की गिरफ्तारी
राजस्थान की एक गैंग द्वारा आधार कार्ड में एड्रेस बदलकर, विभिन्न राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में बैंक खाते खुलवाने और उन्हें चीनी साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराने का बड़ा खुलासा हुआ है। अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कैसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश?
अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस को सूचना मिली कि चांदखेड़ा स्थित पाश्व रेसिडेंसी के एक फ्लैट में कुछ लोग अवैध रूप से आधार कार्ड में एड्रेस बदलकर फर्जी बैंक खाते खोलकर साइबर फ्रॉड कर रहे हैं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए छापेमारी की, जिसमें 9 लोग मौके से पकड़े गए। पूछताछ में सुरेश जगदीश बिश्नोई ने खुद को मुख्य आरोपी बताया और स्वीकार किया कि वह अपने साथियों के जरिए अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाकर, पासबुक, चेकबुक व अन्य दस्तावेज जोधपुर में बैठे सुनील धिरानी को भेजता था।
फर्जीवाड़े का तरीका
गिरफ्तार आरोपियों के पास से फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए, जिनमें एक ही आधार नंबर पर अलग-अलग एड्रेस दर्ज थे। आरोपियों ने मोबाइल ओटीपी के जरिए कुछ लोगों के आधार कार्ड का एड्रेस चांदखेड़ा, मोरबी, राजकोट में बदलकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाए थे। पुलिस ने छापेमारी में 12 मोबाइल फोन, 21 चेकबुक, 10 पासबुक, 43 डेबिट कार्ड, 15 सिम कार्ड और 1 पिस्तौल बरामद की है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम:
अहमदाबाद से गिरफ्तार
- सुरेश जगदीश बिश्नोई
- अनिल उग्रसेन बिश्नोई
- कैलाश खमोराम बिश्नोई
- हुकमाराम भगवानाराम बिश्नोई
- मनीष हजारीराम बिश्नोई
- विकास पुनाराम बिश्नोई
- राकेश सुखराम बिश्नोई
- राकेश सहीराम बिश्नोई
- मनफूल सहीराम बिश्नोई
राजस्थान से गिरफ्तार
10. ललित शंकरलाल बिश्नोई
11. कुलदीप हनुमानराम किचर
गैंग की अपराध करने की प्रक्रिया (M.O.)
👉 टेलीग्राम टास्क फ्रॉड - 8 मामले
👉 जॉब फ्रॉड - 7 मामले
👉 इंवेस्टमेंट फ्रॉड - 12 मामले
👉 डिजिटल एरेस्ट फ्रॉड - 11 मामले
आरोपी फर्जी अकाउंट का इस्तेमाल लेयरिंग सिस्टम के तहत पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते थे। फ्रॉड के पैसे तुरंत निकाले जाते थे, और यदि कैश निकालना संभव न होता, तो RTGS, IMPS के जरिए दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।
NCCRP पोर्टल पर दर्ज शिकायतें
पुलिस जांच में पता चला कि इन फर्जी खातों से जुड़े 21 राज्यों में 109 शिकायतें दर्ज हैं।
जनता के लिए पुलिस की अपील
✔ ओटीपी किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ शेयर न करें।
✔ तेजी से लाभ देने वाले इन्वेस्टमेंट स्कीम से बचें।
✔ अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
✔ ऑनलाइन गिरफ्तारी की धमकी देने वालों से डरें नहीं, तुरंत पुलिस हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
✔ अपने बैंक खाते को लालच में आकर किसी अन्य को इस्तेमाल करने न दें।
✔ किराएदार की जानकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन में जरूर दें।
अगर आप साइबर फ्रॉड के शिकार होते हैं, तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या साइबर क्राइम पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।