राजकोट पायल अस्पताल वीडियो वायरल केस: अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने तीन और आरोपियों को पकड़ा

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राजकोट पायल अस्पताल वीडियो वायरल केस: अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने तीन और आरोपियों को पकड़ा



अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने राजकोट पायल अस्पताल में महिला मरीजों को नर्स द्वारा इंजेक्शन लगाने के वीडियो वायरल करने के मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर जी.एस. मलिक, संयुक्त पुलिस कमिश्नर शरद सिघल, डिप्टी पुलिस कमिश्नर डॉ. लवीना सिंहा और असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर हार्दिक माकडिया के निर्देशों पर की गई।

कैसे हुआ मामला उजागर?

सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज केस (गु.र.नं- 11191067250034/2025) के अनुसार, अज्ञात शख्स ने यूट्यूब चैनल और टेलीग्राम आईडी से वीडियो वायरल किया था। इस वीडियो में अस्पताल की महिला मरीजों को इंजेक्शन दिया जा रहा था, जिससे उनकी गोपनीयता भंग हुई।

तकनीकी जांच से आरोपियों तक पहुंची पुलिस

इस मामले में यूट्यूब चैनल और टेलीग्राम आईडी की तकनीकी जानकारी हासिल कर आरोपियों की पहचान की गई। पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद साइबर क्राइम ब्रांच ने और गहराई से जांच की और महाराष्ट्र तथा गुजरात से तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

  1. परित धामेलिया (सूरत, गुजरात) - बी.कॉम की पढ़ाई की है। उसने अस्पताल के CCTV कैमरों को हैक किया।
  2. रायन परेरा (वासई, महाराष्ट्र) - बी.एम.एस. (बैचलर मैनेजमेंट स्टडी) कर रहा है। CCTV कैमरों को हैक कर टेलीग्राम पर वीडियो बेचे।
  3. वैभव माने (सांगली, महाराष्ट्र) - बी.टेक (कंप्यूटर साइंस) किया है। यूट्यूब और टेलीग्राम पर वीडियो मार्केटिंग करता था।

कैसे किया गया था हैक?

आरोपी परित धामेलिया ने विदेशी लोगों से CCTV कैमरा हैकिंग सीखी थी। उसने तीन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर BRUTE FORCE ATTACK से अनसेक्योर्ड IP और PORT को हैक किया। फिर रायन परेरा और रोहित सिसोदिया को भी यही तकनीक सिखाई।

क्या कर रहे थे आरोपी?

  • आरोपी सीसीटीवी कैमरों को हैक कर लाइव वीडियो रिकॉर्ड करते थे।
  • ये वीडियो टेलीग्राम चैनलों पर बेचे जाते थे
  • प्रज्वल तेले नाम के आरोपी ने इन वीडियो को टेलीग्राम और यूट्यूब पर वायरल किया।
  • इस गैंग ने लाखों रुपये की कमाई की।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 9 दिन की रिमांड पर भेजा गया। पुलिस अब पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और इस मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं।

साइबर क्राइम से बचने के उपाय

  • अपने CCTV कैमरों को सुरक्षित करें, अनसेक्योर्ड IP और PORT को एक्सेसिबल न रखें।
  • सार्वजनिक नेटवर्क पर गोपनीय जानकारी शेयर न करें
  • संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर दें।

यह घटना साइबर अपराधों के बढ़ते खतरों को उजागर करती है। हमें सतर्क रहने और डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

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